Do lafz ki hai
Baat ek hi hai
Kyun darmiyaan phir ruki ruki
Keh bhi naa paayein
Reh bhi na paayein
Kyun bewajah hai, ye bebasi
Tum mein hum hain
Hum mein tum ho
Tum se hum hain
Hum se tum ho
Kismaton se milte hain do dil yahaan
Har kisi ko nahi milta
Yahan pyar zindagi mein (x2)
Khush-naseeb hain hum
Jinko hai mili
Ye bahaar zindagi mein
Har kisi ko nahi milta
Yahaan pyar zindagi mein
Pyar na ho toh zindagi kya hai
Yaar na ho toh bandagi kya hai (x2)
Tujh se hi har khushi hai
Tere dum se aashiqui hai, jaan le
Mill jaaye hum toh
Sab kuch sahi hai
Phir iss tarah kyun, hain ajnabi
Tum mein hum hain
Hum mein tum ho
Tum se hum hain
Hum se tum ho
Kismaton se milte hain do dil yahaan
Har kisi ko nahi milta
Yahaan pyar zindagi mein (x2)
Haan kisi ko hi hai milta ye zindagi mein
Khushnaseeb hain jo hume mila zindagi mein (x2)
Woh ho... (these lines are in Arijit's version only)
Tu mohabbat hai, Ishq hai mera
Ik ibaadat hai, saath ye tera (x2)
Jab dil se dil mile hain
Phir kyun ye faasle hain, iss tarah
Aa bol de tu, yaa bol du main
Kab tak chhupaayein ye bekhudi
Tum mein hum hain
Hum mein tum ho
Tum se hum hain
Hum se tum ho
Kismaton se milte hain do dil yahaan
Har kisi ko nahi milta
Yahaan pyar zindagi mein (x2)
Khushnaseeb hain jo hume mila zindagi mein
Har kisi ko nahi milta
Yahaan pyar zindagi mein
Tu hai toh main hoon
Tu hai toh main
Tu hai toh main hoon
Tu hai toh main..
Hindi Lyrics
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दो लफ़्ज़ की है, बात एक ही है
क्यूँ दरमियाँ फिर रुकी-रुकी?
कह भी ना पाएँ, रह भी ना पाएँ
क्यूँ बेवजह है ये बेबसी?
तुम में हम हैं, हम में तुम हो
तुम से हम हैं, हम से तुम हो
क़िस्मतों से मिलते हैं दो दिल यहाँ
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िंदगी में
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िंदगी में
ख़ुशनसीब हैं हम, जिनको है मिली ये बहार ज़िंदगी में
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िंदगी में
प्यार ना हो तो ज़िंदगी क्या है?
यार ना हो तो बंदगी क्या है?
प्यार ना हो तो ज़िंदगी क्या है?
यार ना हो तो बंदगी क्या है?
तुझ से ही हर ख़ुशी है
तेरे दम से आशिक़ी है, जान ले
मिल जाएँ हम तो (मिल जाएँ हम तो)
सब कुछ सही है (सब कुछ सही है)
फिर इस तरह क्यूँ (फिर इस तरह क्यूँ)
हैं अजनबी? (हैं अजनबी?)
तुम में हम हैं, हम में तुम हो
तुम से हम हैं, हम से तुम हो
क़िस्मतों से मिलते हैं दो दिल यहाँ
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िंदगी में
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िंदगी में
तू मोहब्बत है, इश्क़ है मेरा
इक इबादत है साथ ये तेरा
तू मोहब्बत है, इश्क़ है मेरा
इक इबादत है साथ ये तेरा
जब दिल से दिल मिले हैं
फिर क्यूँ ये फ़ासले हैं इस तरह?
आ, बोल दे तू (आ, बोल दे तू)
या बोल दूँ मैं? (या बोल दूँ मैं?)
कब तक छुपाएँ (कब तक छुपाएँ)
ये बेख़ुदी (ये बेख़ुदी)
तुम में हम हैं, हम में तुम हो
तुम से हम हैं, हम से तुम हो
क़िस्मतों से मिलते हैं दो दिल यहाँ, हाँ
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िंदगी में
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िंदगी में
ख़ुशनसीब हैं हम, जिनको है मिली ये बहार ज़िंदगी में
हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िंदगी में
तू है तो मैं हूँ, तू है तो मैं...
तू है तो मैं हूँ, तू है तो मैं...
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